नवरात्री कलश स्थापन एवं पूजन विधि
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नवरात्रि
में माँ दुर्गा
के कलश पूजन
एवं ज्वार बोने
का बहुत महत्व
है। अखण्ड ज्योति जलाने का
भी महत्व है। इसमें कहा गया
है की अखंड
ज्योति नौ दिनों
तक जलती रहनी
चाहिए। नवराति में माता
दुर्गा के अलग
अलग रूपों की
नव दिनों में
पूजा होती है। वैसे तो माता
दुर्गा के अनन्य
रूप एवं नाम
है लेकिन इन
दिनों इनके इन
मुख्य नाम से
प्रत्येक नौ दिनों
को जाना
जाता है।
navratri 2019
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- प्रथम दिन जिसको बैठकी कहते है उस दिन माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है
- दुसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है
- तीसरे दिन माता चंद्रघंटा
- चौथे दिन माता कूष्माण्डा
- पांचवे दिन माता स्कंदमाता
- छठे दिन माता कात्यायनी
- सातवे दिन माता कालरात्रि
- आठवें दिन माता महागौरी
- नैव दिन माता सिद्धरात्रि की पूजा होती है।
पूजा
विधि सूर्योदय से पहले बिस्तर त्याग दे। फिर पवित्र
जल से स्नान करके लाल वस्त्र धारण।
यदि पुरुष हैं तो गमछा धोती, स्त्री
हैं तो लाल रंग की साड़ी या सलवार सूट पहने। इसके बाद घर
के ईशान कोड में (पूर्वोत्तर दिशा में) गाय के गोबर से लिप्पी भूमि पर। यदि गोबर से लीपने संभव ना हो तो गंगा जल छिड़ककर पवित्र की हुई भूमि
पर बैठे। अपने सामने माँ भगवती जी की प्रतिमा या उनके
सुन्दर चित्र रख ले।
कलश स्थापना विधि माता की पूजा
में मिट्टी या तांबे का कलश अति उत्तम माना गया है। यदि मिटटी या तांबे का कलश नहीं मिल पाया तो पीतल या फूल का भी रख
सकते है। कलश के चारो तरफ मौली या कलावा बांध ले और फिर
कलश को भरे उसमे जल , गंगाजल सिक्का पैसा सुपारी हल्दी की गांठ अक्षत पुष्प डालें और
कलश के चारो तरफ रोली हल्दी से टीके एवम कलश के ऊपर आम का पल्लव रखें जो की पांच एवं
सात पत्ते का होना चाहिए।
फिर एक नारियल ले और उसके ऊपर लाल
कपड़ा लपेटे। फिर किसी प्लेट या कटोरी चावल भरकर नारियल को
कलश के ऊपर रखे।
एक सुपारी ले उसके चारो तरफ मौली
लपेटे। उसको गणेश जी के रूप में माता के सामने स्थापित
करे ,नहीं तो गणेश जी मूर्ति रखे।
अखंड ज्योति कैसे जलाये
अखंड ज्योति जलने के
लिए पहले उस स्थान पे गंगा जल छिड़के।
फिर थोड़ा सा अक्षत रखे। कपास या सूट की लम्बी बत्ती बना ले। उसके बाद दिए को अच्छे से साफ़ कर ले और उसमे हल्दी सिंदूर चन्दन
टिक्के पुष्प अर्पित करे अक्षत चढ़ाए।
दिए में तेल डाले और ज्योति प्रज्वलित
करे आजकल बाज़ार में पीतल की अखंड ज्योति आने लगी हैं। भक्त कृपया ध्यान दे उस अखण्ड ज्योति की बत्ती खींचने से पहले एक
दूसरा दिया जला ले क्योंकि उस अखण्ड ज्योति की बत्ती खिचंते समय बुझ भी सकती है इसलिए
दूसरा दिया जला रहेगा तो अखण्ड ज्योति खंडित नहीं मानी जाएगी।
जौ कैसे बोये
पहले मिटटी को अच्छे
से छोटे छोटे टुकड़े में फोड़ के फैला ले। फिर उसमे साफ़
जौ के दाने छींटे।
उसके ऊपर मिटटी की पतली परत लगा
दे। ऊपर से थोड़ा सा और जौ डालें उसको ऊपर हांथो से
हलके हलके पानी के छींटे डाले।
याद रखें की जब पूजा करे तो जावा
में पानी छिड़कना नहीं भूले जिससे की आपका जावा अच्छे से उगकर तैयार हो जाये। अखंड ज्योति एवं जावा का अच्छे से ख्याल रखें। माता की प्रार्थना करें और अपना पूजन अच्छे से सम्पन्न करे।
navratri 2019 |
जय माता दी
धन्यवाद
English Translation
navratri 2019
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Worshiping the Kalash of Maa Durga and sowing jowar in Navratri is of great importance. Burning of Akhand Jyoti is also important. It says that Akhand Jyoti should be kept burning for nine days. In Navrati, different forms of Maa Durga are worshiped in the nine days.
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Worshiping the Kalash of Maa Durga and sowing jowar in Navratri is of great importance. Burning of Akhand Jyoti is also important. It says that Akhand Jyoti should be kept burning for nine days. In Navrati, different forms of Maa Durga are worshiped in the nine days.
navratri 2019 |
- Maa Shailputri is worshiped on the first day, which is called sitting.
- Maa Brahmacharini is worshiped on the second day.
- Maa Chandraghanta on third day.
- Maa Kushmanda on the Fourth day
- Maa SkandMaa On the fifth day
- Maa Katyayani On the Sixth day
- Maa Kalratri on the seventh day
- Maa Mahagauri on the eighth day
- Maa Siddharatri on the nineth day are worshiped.
Method of worship
Rise before sunrise and then baath with holy water and
wears red clothes. If you are a man, then wear a dhoti kurta, if you are a
woman, you should wear a red saree or a salwar suit.
After this, in the northeastern direction of the house on
apply cow-dung in land. If it is not possible to mop with cow dung then
sprinkle the Ganges water and spend it on the holy land. Keep a statue of Maa Bhagwati
in front of you or a beautiful picture of her.
Kalash installation method
The clay or copper urn is considered very good in worship
of mother. If clay or copper urn cannot be found, then you can keep brass also.
Take Mouli or Kalava around the Kalash and then fill the Kalash with water,
Gangajal, coin, Paisa, Supari, turmeric knot and roasted turmeric on the side
of the urn. Put a mango pallava on the Kalash which should be of five or seven
leaves, then take a coconut and wrap a red cloth over it, then on a plate or
fill the bowl of rice and place the coconut on top of the urn. Take a betel nut
wrapped around it and install it in front of the Maa as Ganesh ji.
How to burn a monolithic flame (Akand Jyoti)
To burn a flame, first sprinkle the Ganges water at that
place and then keep a little intact. Make a long wick of cotton or suit and
then clean the lamp well. And offer turmeric vermilion, sandalwood tikka
flowers in it, pour oil in the flame and light the flame. Nowadays unbroken
flame of brass has started coming in the market. Please pay attention, burn
another lamp before pulling the wick of that Akhand Jyoti because While drawing
the wick of that Akhand Jyoti the light can also be extinguished while draining, so if the second lamp is lit, then the Akhand Jyoti will
not be considered fragmented. Sprinkle
it lightly with water. Remember that when worshiping, do not forget to sprinkle
water in Jawa so that your jawa grows well.
Take good care of Akhand Jyoti and Jawa, Pray to mother and do your worship well.
navratri 2019 |
Jai Mata Di
Thanks
navratri 2019
Reviewed by R.T. Enterprises
on
September 29, 2019
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